भारतीय संविधान में महिलाओं से संबंधित अनुच्छेद
भारतीय संविधान में महिलाओं के अधिकारों और सुरक्षा के लिए कई महत्वपूर्ण अनुच्छेद शामिल किए गए हैं। ये अनुच्छेद महिलाओं को समानता, सुरक्षा, और विशेष सुविधाएं प्रदान करने का प्रावधान करते हैं।
1. समानता से जुड़े अनुच्छेद
✅ अनुच्छेद 14 – राज्य सभी व्यक्तियों को कानून के समक्ष समानता और कानून के समान संरक्षण की गारंटी देता है।
✅ अनुच्छेद 15(1) – राज्य किसी भी नागरिक के साथ धर्म, जाति, लिंग, जन्मस्थान आदि के आधार पर भेदभाव नहीं करेगा।
✅ अनुच्छेद 15(3) – राज्य महिलाओं और बच्चों के लिए विशेष प्रावधान बना सकता है।
✅ अनुच्छेद 16 – सरकारी नौकरियों में अवसर की समानता सुनिश्चित करता है और लिंग के आधार पर भेदभाव को रोकता है।
2. शोषण से सुरक्षा से जुड़े अनुच्छेद
✅ अनुच्छेद 23 – मानव तस्करी और जबरन श्रम का निषेध करता है, जिससे महिलाओं को शोषण से सुरक्षा मिलती है।
✅ अनुच्छेद 24 – 14 वर्ष से कम उम्र के बच्चों को किसी भी खतरनाक कार्य या कारखाने में काम करने से रोकता है।
3. महिलाओं को विशेष संरक्षण देने वाले अनुच्छेद
✅ अनुच्छेद 39(a) – राज्य पुरुषों और महिलाओं को समान रूप से आजीविका के पर्याप्त साधन प्रदान करने की नीति अपनाएगा।
✅ अनुच्छेद 39(d) – पुरुषों और महिलाओं के लिए समान कार्य के लिए समान वेतन का प्रावधान करता है।
✅ अनुच्छेद 42 – राज्य महिलाओं के लिए प्रसूति लाभ और काम करने की उचित एवं सुरक्षित परिस्थितियों की व्यवस्था करेगा।
✅ अनुच्छेद 44 – समान नागरिक संहिता (Uniform Civil Code) की बात करता है, जो सभी नागरिकों के लिए समान विवाह, विरासत आदि कानूनों को लागू करने की दिशा में कार्य करता है।
4. राजनीतिक और सामाजिक सशक्तिकरण से जुड़े अनुच्छेद
✅ अनुच्छेद 243D – पंचायतों में महिलाओं के लिए 33% आरक्षण का प्रावधान।
✅ अनुच्छेद 243T – नगर पालिकाओं में महिलाओं के लिए 33% आरक्षण का प्रावधान।
✅ अनुच्छेद 325 और 326 – सभी नागरिकों, चाहे वे पुरुष हों या महिला, को बिना किसी भेदभाव के मतदान का अधिकार देता है।
5. संवैधानिक संशोधन और महिलाएँ
✅ 73वां संविधान संशोधन (1992) – पंचायतों में महिलाओं के लिए 33% आरक्षण।
✅ 74वां संविधान संशोधन (1992) – शहरी स्थानीय निकायों में महिलाओं के लिए 33% आरक्षण।
✅ 108वां संविधान संशोधन विधेयक – संसद और विधानसभाओं में महिलाओं को 33% आरक्षण देने के लिए प्रस्तावित था, लेकिन पारित नहीं हुआ।
✅ 128वां संविधान संशोधन (2023) – नारी शक्ति वंदन अधिनियम – संसद और विधानसभाओं में महिलाओं के लिए 33% आरक्षण का प्रावधान।
अधिनियमों की सारणी:
अधिनियम का नाम | विस्तार | पारित होने की तिथि | लागू होने की तिथि | धाराएँ | अध्याय | सजा का प्रावधान | संशोधन वर्ष | नियम बनाने की शक्ति |
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दहेज निषेध अधिनियम, 1961 | दहेज लेने-देने पर रोक | 20 मई 1961 | 1 जुलाई 1961 | 13 | 3 | 5 वर्ष तक की सजा व जुर्माना | 1984, 1986 | केंद्र और राज्य सरकारें |
कार्यस्थल पर लैंगिक उत्पीड़न अधिनियम, 2013 | महिलाओं के कार्यस्थल पर यौन उत्पीड़न से सुरक्षा | 23 अप्रैल 2013 | 9 दिसंबर 2013 | 30 | 8 | 3 वर्ष तक की सजा व जुर्माना | – | केंद्र सरकार |
घरेलू हिंसा से महिलाओं का संरक्षण अधिनियम, 2005 | घरेलू हिंसा से महिलाओं की सुरक्षा | 13 सितंबर 2005 | 26 अक्टूबर 2006 | 37 | 5 | पीड़िता को संरक्षण व दोषी पर कार्रवाई | – | केंद्र सरकार |
मातृत्व लाभ अधिनियम, 1961 | गर्भवती महिलाओं के अधिकार | 12 दिसंबर 1961 | 1 नवंबर 1963 | 30 | 6 | 3 महीने तक की जेल व जुर्माना | 2017 | केंद्र सरकार |
बाल विवाह निषेध अधिनियम, 2006 | 18 वर्ष से कम उम्र में विवाह पर रोक | 10 जनवरी 2007 | 1 नवंबर 2007 | 26 | 6 | 2 वर्ष तक की सजा व ₹1 लाख जुर्माना | – | केंद्र सरकार |
पोक्सो अधिनियम, 2012 | बच्चों के यौन शोषण से सुरक्षा | 19 जून 2012 | 14 नवंबर 2012 | 46 | 9 | 10 वर्ष से आजीवन कारावास | 2019 | केंद्र सरकार |
शिक्षा का अधिकार अधिनियम, 2009 | 6-14 वर्ष के बच्चों के लिए मुफ्त शिक्षा | 4 अगस्त 2009 | 1 अप्रैल 2010 | 39 | 7 | अनिवार्य शिक्षा सुनिश्चित करने का प्रावधान | 2012, 2019 | केंद्र सरकार |
सती प्रथा (निवारण) अधिनियम, 1987 | सती प्रथा पर पूर्ण प्रतिबंध | 3 दिसंबर 1987 | 27 जनवरी 1988 | 22 | 5 | आजीवन कारावास व जुर्माना | – | केंद्र और राज्य सरकारें |
बाल संरक्षण अधिनियम, 2000 | बच्चों के अधिकारों की रक्षा | 30 दिसंबर 2000 | 1 अप्रैल 2001 | 81 | 11 | पुनर्वास एवं पुनर्स्थापन प्रावधान | 2006, 2015 | केंद्र सरकार |
किशोर न्याय अधिनियम, 2015 | 18 वर्ष से कम उम्र के अपराधियों के लिए प्रावधान | 31 दिसंबर 2015 | 15 जनवरी 2016 | 112 | 10 | वयस्क अपराधियों के समान सजा (विशेष मामलों में) | – | केंद्र सरकार |
खाद्य सुरक्षा अधिनियम, 2013 | गरीबों को सस्ती दर पर खाद्यान्न | 10 सितंबर 2013 | 5 जुलाई 2013 | 45 | 7 | 3 वर्ष तक की जेल व जुर्माना | – | केंद्र सरकार |
संपत्ति का अधिकार अधिनियम, 1950 | नागरिकों को संपत्ति का अधिकार | 26 जनवरी 1950 | 26 जनवरी 1950 | 300+ (संविधान के अनुच्छेद) | – | संपत्ति को मौलिक अधिकार से हटाया गया | 1978 (44वां संशोधन) | संविधान संशोधन के माध्यम से संसद |
महत्वपूर्ण नोट्स:
- दहेज निषेध अधिनियम, 1961:
- धाराएँ और अध्याय: इस अधिनियम में कुल 13 धाराएँ और 3 अध्याय हैं।
- नियम बनाने की शक्ति: केंद्र और राज्य सरकारों को नियम बनाने की शक्ति प्रदान की गई है।
- सजा का प्रावधान: दहेज लेने या देने पर कम से कम 5 वर्ष की सजा और ₹15,000 या दहेज के मूल्य (जो भी अधिक हो) का जुर्माना। LawRato Hindi
- सती प्रथा (निवारण) अधिनियम, 1987:
- धाराएँ और अध्याय: इस अधिनियम में कुल 22 धाराएँ और 5 अध्याय हैं।
- नियम बनाने की शक्ति: केंद्र और राज्य सरकारों को नियम बनाने की शक्ति प्रदान की गई है।
- सजा का प्रावधान:
- सती करने का दुष्प्रेरण: मृत्युदंड या आजीवन कारावास और जुर्माना।
- सती का महिमामंडन: 1 से 7 वर्ष तक का कारावास और ₹5,000 से ₹30,000 तक का जुर्माना। India Code
- कार्यस्थल पर लैंगिक उत्पीड़न अधिनियम, 2013:
- धाराएँ और अध्याय: इस अधिनियम में कुल 30 धाराएँ और 8 अध्याय हैं।
- नियम बनाने की शक्ति: केंद्र सरकार को नियम बनाने की शक्ति प्रदान की गई है।
- सजा का प्रावधान: कार्यस्थल पर यौन उत्पीड़न के लिए 3 वर्ष तक की सजा और जुर्माना।
मातृत्व लाभ अधिनियम, 1961:
- उद्देश्य: गर्भवती महिला कर्मचारियों को वेतन सहित अवकाश प्रदान करना।
- मुख्य प्रावधान: महिला कर्मचारी को 26 सप्ताह का मातृत्व अवकाश।
- नियम बनाने की शक्ति: केंद्र सरकार।
- सजा का प्रावधान: उल्लंघन पर 3 महीने तक की सजा या जुर्माना या दोनों।
बाल विवाह निषेध अधिनियम, 2006:
- उद्देश्य: 18 वर्ष से कम आयु की लड़कियों और 21 वर्ष से कम आयु के लड़कों के विवाह पर रोक।
- मुख्य प्रावधान: बाल विवाह करने, कराने या उसमें सहयोग करने पर दंड।
- नियम बनाने की शक्ति: केंद्र सरकार।
- सजा का प्रावधान: 2 वर्ष तक की सजा और ₹1 लाख तक का जुर्माना।
पोक्सो अधिनियम, 2012:
- उद्देश्य: बच्चों को यौन अपराधों से सुरक्षा प्रदान करना।
- मुख्य प्रावधान: यौन शोषण, उत्पीड़न और पोर्नोग्राफी से संबंधित अपराधों के लिए सख्त दंड।
- नियम बनाने की शक्ति: केंद्र सरकार।
- सजा का प्रावधान: 10 वर्ष से आजीवन कारावास तक की सजा।
शिक्षा का अधिकार अधिनियम, 2009:
- उद्देश्य: 6 से 14 वर्ष की आयु के बच्चों को मुफ्त और अनिवार्य शिक्षा प्रदान करना।
- मुख्य प्रावधान: निजी स्कूलों में 25% सीटें आर्थिक रूप से कमजोर वर्ग के लिए आरक्षित।
- नियम बनाने की शक्ति: केंद्र सरकार।
- सजा का प्रावधान: अधिनियम के उल्लंघन पर संबंधित प्राधिकारी पर दंड।
सती प्रथा (निवारण) अधिनियम, 1987:
- उद्देश्य: सती प्रथा को रोकना और उसके महिमामंडन पर प्रतिबंध लगाना।
- मुख्य प्रावधान: सती करने या उसका महिमामंडन करने पर सख्त दंड।
- नियम बनाने की शक्ति: केंद्र और राज्य सरकारें।
- सजा का प्रावधान: सती कराने पर मृत्युदंड या आजीवन कारावास; महिमामंडन पर 1 से 7 वर्ष तक की सजा।