reinforcement and its type

Reinforcement and its type

पुनर्बलन (Reinforcement) एक ऐसी प्रक्रिया है जो व्यक्ति के व्यवहार को प्रोत्साहित करने या बनाए रखने के लिए उसे प्रोत्साहन देती है। शिक्षण प्रक्रिया में विभिन्न प्रकार के पुनर्बलन का उपयोग किया जाता है, जो छात्र के सीखने के अनुभव को बेहतर बनाते हैं।

आपके द्वारा बताए गए सात प्रकार के पुनर्बलन निम्नलिखित हैं:

  1. सकारात्मक शाब्दिक पुनर्बलन (Positive Verbal Reinforcement):
  • व्याख्या: छात्र के सही या वांछित व्यवहार के लिए मौखिक रूप से प्रशंसा या सकारात्मक प्रतिक्रिया देना।
  • उदाहरण: “बहुत बढ़िया!”, “तुमने अच्छा काम किया है।”
  1. सकारात्मक अशाब्दिक पुनर्बलन (Positive Non-Verbal Reinforcement):
  • व्याख्या: छात्र के अच्छे व्यवहार के लिए बिना शब्दों के, शारीरिक हाव-भाव या क्रियाओं के माध्यम से प्रोत्साहन देना।
  • उदाहरण: मुस्कुराना, सिर हिलाना, ताली बजाना।
  1. नकारात्मक शाब्दिक पुनर्बलन (Negative Verbal Reinforcement):
  • व्याख्या: अवांछित व्यवहार को रोकने के लिए मौखिक रूप से समझाना या निर्देश देना ताकि छात्र सही व्यवहार को अपनाए।
  • उदाहरण: “अगर तुमने सही तरीके से किया, तो तुम्हें कोई डांट नहीं पड़ेगी।”
  1. नकारात्मक अशाब्दिक पुनर्बलन (Negative Non-Verbal Reinforcement):
  • व्याख्या: अवांछित परिणाम या स्थिति को रोकने के लिए बिना शब्दों के, शारीरिक हाव-भाव से संकेत देना।
  • उदाहरण: गलती सुधारने पर सिर हिलाकर सहमति जताना।
  1. अतिरिक्त शाब्दिक पुनर्बलन (Extra Verbal Reinforcement):
  • व्याख्या: सामान्य प्रशंसा से अधिक उत्साहजनक शब्दों का प्रयोग करना।
  • उदाहरण: “तुम्हारी मेहनत काबिल-ए-तारीफ है!”, “तुमने उम्मीद से भी बढ़कर काम किया!”
  1. छात्र के उत्तर को श्यामपट्ट पर लिखना (Writing Student’s Answer on the Blackboard):
  • व्याख्या: छात्र द्वारा दिए गए उत्तर को श्यामपट्ट पर लिखना, जिससे अन्य छात्रों को भी सीखने का अवसर मिले।
  • उदाहरण: एक छात्र ने सही उत्तर दिया और शिक्षक ने उसका उत्तर श्यामपट्ट पर लिख दिया ताकि पूरा वर्ग उससे सीख सके।
  1. छात्र के अधूरे या टूटे-फूटे उत्तर को व्यवस्थित ढंग से प्रस्तुत करना (Organizing Incomplete Student Response):
  • व्याख्या: जब छात्र का उत्तर अधूरा या असंगठित होता है, तो शिक्षक उसे सही तरीके से व्यवस्थित करके प्रस्तुत करते हैं।
  • उदाहरण: एक छात्र ने उत्तर दिया लेकिन वह स्पष्ट नहीं था, तो शिक्षक ने उसे व्यवस्थित रूप से श्यामपट्ट पर लिखा और सभी को समझाया।

सारणी:

पुनर्बलन का प्रकारव्याख्याउदाहरण
सकारात्मक शाब्दिक पुनर्बलनमौखिक प्रशंसा द्वारा प्रोत्साहन देना“बहुत बढ़िया!”, “तुमने अच्छा काम किया है।”
सकारात्मक अशाब्दिक पुनर्बलनशारीरिक हाव-भाव या क्रियाओं के माध्यम से बिना शब्दों के प्रोत्साहन देनामुस्कुराना, सिर हिलाना, ताली बजाना
नकारात्मक शाब्दिक पुनर्बलनअवांछित व्यवहार को रोकने के लिए मौखिक रूप से समझाना“अगर तुमने सही तरीके से किया, तो तुम्हें कोई डांट नहीं पड़ेगी।”
नकारात्मक अशाब्दिक पुनर्बलनअवांछित परिणाम या स्थिति को रोकने के लिए बिना शब्दों के संकेत देनागलती सुधारने पर सिर हिलाकर सहमति जताना
अतिरिक्त शाब्दिक पुनर्बलनसामान्य प्रशंसा से अधिक उत्साहजनक शब्दों का प्रयोग करना“तुम्हारी मेहनत काबिल-ए-तारीफ है!”, “तुमने उम्मीद से भी बढ़कर काम किया!”
छात्र के उत्तर को श्यामपट्ट पर लिखनाछात्र के दिए गए सही उत्तर को श्यामपट्ट पर लिखनाछात्र के उत्तर को श्यामपट्ट पर लिखकर सभी छात्रों को दिखाना
छात्र के अधूरे या टूटे-फूटे उत्तर को व्यवस्थित ढंग से प्रस्तुत करनाअधूरे या असंगठित उत्तर को सही तरीके से व्यवस्थित करके प्रस्तुत करनाछात्र के उत्तर को व्यवस्थित ढंग से श्यामपट्ट पर लिखना और उसे स्पष्ट करना

इस प्रकार, ये सात प्रकार के पुनर्बलन शिक्षण प्रक्रिया में प्रभावी होते हैं और छात्रों को प्रोत्साहित करने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाते हैं।

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *