pmmvy : राज्य सरकार ने महिलाओं के लिए एक अहम कदम उठाते हुए प्रधानमंत्री मातृ वंदना योजना (पीएमएमवीवाई) के अंतर्गत दी जाने वाली सहायता राशि को बढ़ाकर 10 हजार रुपये कर दिया है। यह बदलाव 1 सितंबर से प्रभावी होगा, जिससे महिलाओं को 6,500 रुपये के बजाय अब 10,000 रुपये मिलेंगे। यह राशि राज्य निधि से one hundred प्रतिशत डीबीटी (डायरेक्ट बेनिफिट ट्रांसफर) के माध्यम से दी जाएगी।
देश में अभी भी कई महिलाएं अल्पपोषण और रक्ताल्पता की समस्या से जूझ रही हैं। आंकड़ों के अनुसार, हर तीसरी महिला अल्पपोषित है और हर दूसरी महिला एनीमिया से पीड़ित है। इसका सीधा असर नवजात शिशुओं के स्वास्थ्य पर पड़ता है, जिससे कम वजन वाले बच्चों का जन्म होता है। कुपोषण की यह समस्या गर्भावस्था के दौरान ही शुरू हो जाती है और इसके दूरगामी प्रभाव होते हैं, जो अक्सर अपरिवर्तनीय होते हैं।
आर्थिक और सामाजिक तंगी के चलते कई महिलाएं गर्भावस्था के अंतिम दिनों तक काम करती रहती हैं और शिशु के जन्म के तुरंत बाद भी काम पर लौट जाती हैं, जिससे उनका स्वास्थ्य और शिशु का पोषण प्रभावित होता है। इन्हीं समस्याओं को ध्यान में रखते हुए राज्य सरकार ने सहायता राशि में वृद्धि की है, जिससे महिलाओं को आर्थिक रूप से सशक्त किया जा सके और उनकी सेहत में सुधार हो सके।
महिला एवं बाल विकास विभाग के उप निदेशक ने जानकारी दी कि 10,000 रुपये की यह राशि तीन किश्तों में दी जाएगी। पहले, गर्भवती महिला के आंगनवाड़ी केंद्र पर पंजीकरण और एक प्रसव पूर्व स्वास्थ्य जांच के बाद 3000 रुपये मिलते थे, जिसे अब बढ़ाकर 4,000 रुपये कर दिया गया है। बच्चे के जन्म पर दी जाने वाली दूसरी किश्त को 1,500 रुपये से बढ़ाकर 3000 रुपये कर दिया गया है। इसके अलावा, बच्चे के प्रथम चरण के सम्पूर्ण टीकाकरण के बाद मिलने वाली तीसरी किश्त को 2,000 रुपये से बढ़ाकर 3,000 रुपये कर दिया गया है।
यह विशेष बढ़ी हुई राशि केवल उन्हीं महिलाओं को मिलेगी, जो 40 प्रतिशत या उससे अधिक दिव्यांग हैं। प्रमाण पत्र के आधार पर 1 सितंबर या उसके बाद पात्र महिलाओं को बढ़ी हुई सहायता राशि का लाभ डीबीटी के माध्यम से दिया जाएगा।
इस कदम से राज्य की दिव्यांग गर्भवती महिलाओं को आर्थिक और स्वास्थ्य सहायता मिलेगी, जिससे वे और उनके शिशु स्वस्थ रह सकें।