agencies of environmental education

Agencies of environmental education

agencies of environmental education

UNEP (United Nations Environment Programme)

  1. स्थापना:
    UNEP की स्थापना 5 जून 1972 को संयुक्त राष्ट्र महासभा द्वारा की गई थी। यह स्टॉकहोम में आयोजित संयुक्त राष्ट्र मानव पर्यावरण सम्मेलन (United Nations Conference on the Human Environment) के परिणामस्वरूप बनाई गई थी।
  2. मुख्यालय:
    इसका मुख्यालय नैरोबी, केन्या में स्थित है।
  3. वर्तमान अध्यक्ष:
    वर्तमान में, इंगर एंडरसन (Inger Andersen) UNEP के कार्यकारी निदेशक हैं, जिन्होंने जून 2019 में यह पदभार ग्रहण किया।
  4. कार्य:
    UNEP का मुख्य कार्य वैश्विक पर्यावरणीय एजेंडा को समन्वित करना, पर्यावरण संरक्षण में सहयोग को प्रोत्साहित करना, और पर्यावरणीय जानकारी और विज्ञान को बढ़ावा देना है। यह जलवायु परिवर्तन, आपदाओं और संघर्षों, पारिस्थितिकी तंत्र प्रबंधन, पर्यावरण शासन, रासायनिक और अपशिष्ट प्रबंधन, और संसाधनों की दक्षता जैसे मुद्दों पर काम करता है।
  5. महत्त्व:
    UNEP वैश्विक पर्यावरणीय नीतियों और मानकों के निर्माण में महत्वपूर्ण भूमिका निभाता है। यह विभिन्न देशों को पर्यावरणीय मुद्दों पर मार्गदर्शन और सहायता प्रदान करता है। UNEP की पहलें जैसे कि मॉन्ट्रियल प्रोटोकॉल और पेरिस समझौता, वैश्विक पर्यावरणीय चुनौतियों से निपटने में अत्यंत प्रभावी रही हैं।

IUCN (International Union for Conservation of Nature)

  1. स्थापना:
    IUCN की स्थापना 5 अक्टूबर 1948 को फ्रांस के फोंटेनब्लो में की गई थी।
  2. मुख्यालय:
    इसका मुख्यालय ग्लैंड, स्विट्जरलैंड में स्थित है।
  3. वर्तमान अध्यक्ष:
    वर्तमान में, इनेगर एंडरसन (Inger Andersen) IUCN के महानिदेशक हैं।
  4. कार्य:
    IUCN का कार्य प्राकृतिक संसाधनों के संरक्षण और सतत उपयोग को बढ़ावा देना है। यह संगठन जैव विविधता संरक्षण, पारिस्थितिकी तंत्र प्रबंधन, जलवायु परिवर्तन अनुकूलन, और पर्यावरणीय कानून और नीतियों के विकास में सहायता करता है। यह ‘रेड लिस्ट’ के माध्यम से प्रजातियों की संरक्षण स्थिति का आकलन भी करता है।
  5. महत्त्व:
    IUCN वैज्ञानिक अनुसंधान और विशेषज्ञों के नेटवर्क के माध्यम से वैश्विक संरक्षण प्रयासों में महत्वपूर्ण भूमिका निभाता है। इसकी रिपोर्ट्स और डाटाबेस नीति निर्माताओं, संरक्षणवादियों और शोधकर्ताओं के लिए अत्यंत मूल्यवान संसाधन हैं। IUCN द्वारा किए गए कार्य वैश्विक जैव विविधता संरक्षण में अहम योगदान देते हैं।

यूनियन मिनिस्ट्री ऑफ़ एनवायरमेंटल एंड फॉरेस्ट

  1. स्थापना:
    इस मंत्रालय की स्थापना 1985 में भारत सरकार द्वारा की गई थी।
  2. मुख्यालय:
    इसका मुख्यालय नई दिल्ली, भारत में स्थित है।
  3. वर्तमान अध्यक्ष:
    वर्तमान में, भूपेंद्र यादव इस मंत्रालय के कैबिनेट मंत्री हैं।
  4. कार्य:
    यह मंत्रालय पर्यावरण और वन संसाधनों के संरक्षण, पर्यावरणीय नीति निर्माण, और जैव विविधता संरक्षण के लिए जिम्मेदार है। इसके कार्यों में वन्यजीव संरक्षण, वनीकरण, प्रदूषण नियंत्रण, और पर्यावरणीय कानूनों और नियमों का प्रवर्तन शामिल है।
  5. महत्त्व:
    यह मंत्रालय भारत में पर्यावरण संरक्षण और सतत विकास को प्रोत्साहित करने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाता है। इसके कार्यक्रम और नीतियाँ वन्यजीवों की सुरक्षा, वनों के संरक्षण, और जलवायु परिवर्तन से निपटने में महत्वपूर्ण योगदान देती हैं। मंत्रालय की पहलें राष्ट्रीय पर्यावरणीय गुणवत्ता में सुधार और पर्यावरणीय जागरूकता बढ़ाने के लिए अहम हैं।

CPCB (Central Pollution Control Board)

  1. स्थापना:
    CPCB की स्थापना 1974 में जल (प्रदूषण निवारण और नियंत्रण) अधिनियम के तहत की गई थी।
  2. मुख्यालय:
    इसका मुख्यालय नई दिल्ली, भारत में स्थित है।
  3. वर्तमान अध्यक्ष:
    वर्तमान में, तपन कुमार सेनापति CPCB के अध्यक्ष हैं।
  4. कार्य:
    CPCB का मुख्य कार्य वायु और जल प्रदूषण की निगरानी और नियंत्रण है। यह राष्ट्रीय पर्यावरणीय गुणवत्ता मानकों का निर्धारण और पालन सुनिश्चित करता है। साथ ही, यह प्रदूषण नियंत्रण तकनीकों का विकास और प्रचार करता है और विभिन्न प्रदूषण स्रोतों से निपटने के लिए नीतियाँ और उपाय सुझाता है।
  5. महत्त्व:
    CPCB भारत में पर्यावरणीय निगरानी और प्रदूषण नियंत्रण के लिए एक प्रमुख एजेंसी है। इसकी रिपोर्ट्स और डेटा नीति निर्माताओं को पर्यावरणीय सुधारों के लिए सूचित निर्णय लेने में मदद करते हैं। CPCB के प्रयासों ने देश भर में प्रदूषण स्तरों को नियंत्रित करने और सार्वजनिक स्वास्थ्य की रक्षा करने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई है।

CEE (Centre for Environment Education)

  1. स्थापना:
    CEE की स्थापना 1984 में भारत सरकार और नेहरू फाउंडेशन फॉर डेवलपमेंट द्वारा की गई थी।
  2. मुख्यालय:
    इसका मुख्यालय अहमदाबाद, भारत में स्थित है।
  3. वर्तमान अध्यक्ष:
    वर्तमान में, कार्तिकेय साराभाई CEE के निदेशक हैं।
  4. कार्य:
    CEE का कार्य पर्यावरण शिक्षा और जागरूकता को बढ़ावा देना है। यह संगठन शिक्षा, संचार, और क्षमता निर्माण कार्यक्रमों के माध्यम से सतत विकास को प्रोत्साहित करता है। यह स्कूलों, कॉलेजों, और समुदायों में पर्यावरण शिक्षा के विभिन्न कार्यक्रम चलाता है और पर्यावरणीय जागरूकता बढ़ाने के लिए विभिन्न संसाधन और सामग्री प्रदान करता है।
  5. महत्त्व:
    CEE ने भारत में पर्यावरण शिक्षा को मुख्यधारा में लाने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई है। इसके कार्यक्रम और पहलें बच्चों और युवाओं को पर्यावरण के प्रति संवेदनशील बनाने और सतत विकास के महत्व को समझाने में मदद करते हैं। CEE के प्रयासों ने पर्यावरणीय जागरूकता और सतत विकास लक्ष्यों की प्राप्ति में महत्वपूर्ण योगदान दिया है।

NAEB (National Afforestation and Eco-Development Board)

  1. स्थापना:
    NAEB की स्थापना 1992 में भारत सरकार द्वारा की गई थी।
  2. मुख्यालय:
    इसका मुख्यालय नई दिल्ली, भारत में स्थित है।
  3. वर्तमान अध्यक्ष:
    वर्तमान में, इस बोर्ड के अध्यक्ष भारत के पर्यावरण, वन और जलवायु परिवर्तन मंत्री होते हैं, जो वर्तमान में भूपेंद्र यादव हैं।
  4. कार्य:
    NAEB का कार्य वनीकरण और पारिस्थितिकी विकास कार्यक्रमों को बढ़ावा देना है। यह संगठन वनीकरण, सामाजिक वनीकरण, और ग्रामीण क्षेत्रों में पारिस्थितिकी तंत्र की बहाली के लिए विभिन्न योजनाएँ और परियोजनाएँ चलाता है। यह स्थानीय समुदायों को शामिल करके सतत वन प्रबंधन और वनीकरण के प्रयासों को प्रोत्साहित करता है।
  5. महत्त्व:
    NAEB ने भारत में वनीकरण और पारिस्थितिकी तंत्र की बहाली में महत्वपूर्ण योगदान दिया है। इसके कार्यक्रमों ने वन आवरण बढ़ाने, जैव विविधता संरक्षण, और ग्रामीण आजीविका सुधारने में मदद की है। NAEB के प्रयासों ने पर्यावरणीय संतुलन बनाए रखने और सतत विकास लक्ष्यों की प्राप्ति में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई है।

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *