इंदौर, 16 अगस्त 2024: देवी अहिल्या विश्वविद्यालय, इंदौर ने बी.एड. विद्यार्थियों के लिए एक महत्वपूर्ण अधिसूचना जारी की है। इस अधिसूचना के अनुसार, बी.एड. पाठ्यक्रम में दाखिला लेने वाले विद्यार्थियों को अपने पाठ्यक्रम को अधिकतम तीन वर्षों के भीतर पूरा करना अनिवार्य होगा।
देवी अहिल्या विश्वविद्यालय के बी.एड. विद्यार्थियों को 3 वर्ष में पाठ्यक्रम पूर्ण करना अनिवार्य है। अपात्र विद्यार्थियों के परीक्षा परिणाम घोषित नहीं ।
देवी अहिल्या विश्वविद्यालय ने बी.एड. विद्यार्थियों के लिए तीन वर्षों में पाठ्यक्रम पूर्ण करने की अनिवार्यता की घोषणा की है। अपात्र विद्यार्थियों के परीक्षा परिणाम घोषित नहीं किए जाएंगे और संबंधित महाविद्यालयों के प्राचार्यों को इसकी पूरी जिम्मेदारी लेनी होगी।
विश्वविद्यालय की अधिसूचना क्रमांक शैक्ष. / पाठ्य / अधि. /2019/2744, दिनांक 11.10.2019 के अनुसार, यह नियम सभी महाविद्यालयों और विद्यार्थियों पर लागू होगा। यदि कोई विद्यार्थी तीन वर्षों में अपना पाठ्यक्रम पूर्ण नहीं कर पाता है, तो उस विद्यार्थी का परीक्षा आवेदन अग्रेषित नहीं किया जाएगा और वह परीक्षा में सम्मिलित नहीं हो सकेगा। साथ ही, अपात्र विद्यार्थियों के परीक्षा परिणाम भी घोषित नहीं किए जाएंगे।
इस अधिसूचना के तहत महाविद्यालय के प्राचार्य की जिम्मेदारी होगी कि वह अपात्र विद्यार्थियों के परीक्षा आवेदन को अग्रेषित न करें। यदि ऐसा होता है, तो विश्वविद्यालय इसके लिए महाविद्यालय को जिम्मेदार ठहराएगा और संबंधित प्राचार्य को इसकी पूरी जवाबदारी लेनी होगी।
यह अधिसूचना विश्वविद्यालय द्वारा विद्यार्थियों को उनके शैक्षिक करियर में अनुशासन और समयबद्धता लाने के उद्देश्य से जारी की गई है। विद्यार्थियों को सलाह दी जाती है कि वे अपने पाठ्यक्रम को निर्धारित समय सीमा में पूर्ण करें ताकि उन्हें भविष्य में किसी प्रकार की समस्या का सामना न करना पड़े।
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