Teachers’ Day Speech : शिक्षक दिवस की स्पीच जो रूला देगी

Teachers' Day Speech

Teachers’ Day Speech : आज का दिन हमारे लिए बेहद खास है। यह वो दिन है, जब हम अपने शिक्षकों के प्रति अपनी कृतज्ञता प्रकट करने के लिए एकत्रित होते हैं। शिक्षक दिवस सिर्फ एक पर्व नहीं, यह हमारे दिलों में बसे उन एहसासों का दिन है, जब हम यह स्वीकार करते हैं कि हमारे शिक्षक ही हमारे जीवन के वास्तविक निर्माता हैं।

शिक्षक: ज्ञान के प्रकाश

हम सभी ने अपने जीवन में कभी न कभी एक ऐसे शिक्षक को अवश्य पाया है, जिन्होंने हमें न सिर्फ पढ़ाया, बल्कि हमें समझा और हमारे व्यक्तित्व को निखारा। सोचिए, एक छोटा सा पौधा जो मिट्टी में धीरे-धीरे बढ़ता है, उसे एक माली की आवश्यकता होती है, जो उसे सही दिशा में बढ़ने के लिए सहारा दे। हमारे शिक्षक भी वही माली हैं, जो हमारे जीवन को संवारते हैं, हमें सही और गलत का भेद सिखाते हैं।

शिक्षक एक प्रेरणा के स्त्रोत : कहानी

शिक्षक न केवल हमारे जीवन में शिक्षा का संचार करते हैं, बल्कि वे हमारे अंदर एक ऐसा विश्वास भी भरते हैं जो हमें अपने सपनों को हकीकत में बदलने के लिए प्रेरित करता है।

Teachers’ Day Speech : मैं तुम्हें एक कहानी सुनाती हूं

राधा गाँव की एक होशियार और मेहनती लड़की थी। उसकी ईमानदारी और लगन के चर्चे पूरे स्कूल में थे। लेकिन बोर्ड की परीक्षाओं के पास आते ही उसके मन में डर बैठ गया था कि अगर उसने अच्छे अंक नहीं लाए, तो उसका भविष्य क्या होगा? इस डर ने उसे गलत कदम उठाने पर मजबूर कर दिया। उसने चीटिंग करने का फैसला किया और छोटी-छोटी चिट्ठियों में नोट्स छुपाकर परीक्षा देने पहुंची।

परीक्षा के दौरान, राधा ने धीरे से अपनी चिट्ठियों का इस्तेमाल करना शुरू किया। वह पूरी तरह से नर्वस थी, लेकिन उसके मन में यह भी था कि वह किसी को धोखा दे रही है। तभी, उसने देखा कि उसके शिक्षक, जो हमेशा ईमानदारी का पाठ पढ़ाते थे, उसे ध्यान से देख रहे थे। राधा की नजर उनके चेहरे पर पड़ी, और उसे तुरंत समझ आ गया कि उन्होंने उसकी चीटिंग पकड़ ली है।

राधा का दिल तेज़ी से धड़कने लगा। वह सोचने लगी कि शिक्षक अब उसे डांटेंगे या परीक्षा से बाहर कर देंगे। लेकिन, उसकी हैरानी का ठिकाना नहीं रहा जब शिक्षक ने कुछ नहीं कहा और बिना किसी प्रतिक्रिया के सिर्फ अपना ध्यान दूसरी ओर कर लिया।

राधा को समझ नहीं आ रहा था कि शिक्षक ने उसे कुछ क्यों नहीं कहा। वह परीक्षा खत्म होने के बाद खुद से ही सवाल करने लगी कि आखिर उन्होंने उसकी गलती को क्यों अनदेखा किया।

जब परिणाम आया और राधा ने अच्छे अंक प्राप्त किए, तो वह अपने शिक्षक के पास गई। लेकिन उनकी आँखों में कोई खुशी नहीं थी। शिक्षक ने गहरे स्वर में कहा, “राधा, मैं चाहता था कि तुम्हारे अच्छे अंक देखकर खुश हो सकूं, लेकिन आज तुम्हारे चीटिंग करने ने मुझे बहुत निराश किया है।”

यह सुनकर राधा का दिल टूट गया। उसे तुरंत एहसास हुआ कि शिक्षक ने जान-बूझकर उसे कुछ नहीं कहा ताकि वह खुद अपनी गलती का एहसास करे। उसकी यह सफलता उसे बिल्कुल भी खुशी नहीं दे पा रही थी, क्योंकि उसने ईमानदारी का रास्ता छोड़ दिया था।

राधा ने उसी क्षण तय किया कि वह कभी भी गलत रास्ता नहीं अपनाएगी। अगले दिन, वह शिक्षक के पास गई और माफी मांगी। उसने स्वीकार किया कि उसने चीटिंग की थी, और अब उसे अपनी गलती का पछतावा हो रहा था।

शिक्षक ने उसकी ईमानदारी की सराहना की और उसे समझाया कि सच्ची सफलता वही है, जो मेहनत और ईमानदारी से मिले।राधा ने उस दिन से चीटिंग को पूरी तरह से त्याग दिया और अपनी पढ़ाई में पूरी लगन से मेहनत की। आगे की परीक्षाओं में उसने बिना किसी डर के भाग लिया और जब उसकी मेहनत से प्राप्त सफलता मिली, तो उसकी खुशी का ठिकाना नहीं रहा।

सीख: सच्चाई और ईमानदारी से मिली सफलता ही असली खुशी देती है। जब हम गलत रास्ता अपनाते हैं, तो अंदर से संतुष्टि कभी नहीं मिलती।

शिक्षक: अनुशासन के निर्माता

शिक्षक केवल हमें किताबों का ज्ञान नहीं देते, बल्कि वे हमारे जीवन को अनुशासित भी बनाते हैं। वे हमें सिखाते हैं कि कैसे समय की पाबंदी रखनी है, कैसे जीवन में संयम और धैर्य रखना है, और कैसे कठिनाइयों का सामना करते हुए अपने लक्ष्य की ओर बढ़ना है।

यह भी एक सच्चाई है कि जीवन में कई बार ऐसे पल आते हैं जब हम खुद को कमजोर और असहाय महसूस करते हैं। ऐसे समय में हमारे शिक्षक ही होते हैं जो हमारे अंदर उस हिम्मत और साहस को फिर से जागृत करते हैं। वे हमें याद दिलाते हैं कि “जहाँ चाह, वहाँ राह।”

शिक्षक: हमारी ज़िंदगी के नायक

डॉ. ए.पी.जे. अब्दुल कलाम, जिन्हें हम सभी ‘मिसाइल मैन’ के नाम से जानते हैं, उनकी सफलता के पीछे उनके शिक्षक की बहुत बड़ी भूमिका थी। कलाम साहब ने एक बार कहा था कि उनके गणित के शिक्षक ने उनकी जिंदगी बदल दी। जब वे स्कूल में थे, तब उनके गणित के शिक्षक उन्हें अक्सर स्कूल के बाद भी पढ़ाते थे, और यही उनके गणित को समझने और उस विषय में रुचि लेने की वजह बनी।

शिक्षक दिवस के इस अवसर पर हम अपने शिक्षकों को केवल धन्यवाद ही नहीं देते, बल्कि उनके द्वारा दिए गए अमूल्य ज्ञान, मार्गदर्शन और स्नेह के लिए कृतज्ञता व्यक्त करते हैं।

आज इस मंच से मैं उन सभी शिक्षकों को नमन करती हूँ जिन्होंने हमें अपने जीवन के कठिन समय में मार्गदर्शन दिया, हमारे अंदर विश्वास जगाया, और हमें एक सफल इंसान बनने में मदद की।

मेरे प्यारे साथियों, शिक्षक दिवस का यह दिन हमें यह याद दिलाता है कि एक शिक्षक के बिना हमारा जीवन कितना अधूरा है। इसलिए, आज हम सभी मिलकर अपने शिक्षकों को नमन करें और उन्हें यह विश्वास दिलाएं कि उनके द्वारा दी गई शिक्षा और स्नेह हमेशा हमारे जीवन का हिस्सा रहेंगे।

शुक्रिया!

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