लेख में हम निम्नलिखित जानकारियां प्राप्त करेंगे
- 1. संघ लोक सेवा आयोग क्या है यह भारत के संविधान के किस अनुच्छेद में वर्णित है?
- 2. संघ लोक सेवा आयोग का निर्माण कैसे हुआ इसका इतिहास?
- 3. संघ लोक सेवा आयोग के कार्य क्या है?
- 4. संघ लोक सेवा आयोग के अध्यक्ष व सदस्य के बारे में संघ लोक सेवा आयोग के अध्यक्ष list वर्तमान अध्यक्ष व सदस्य
- 5. संघ लोक सेवा आयोग की आवश्यकता व उपयोगिता ।
1. संघ लोक सेवा आयोग क्या है यह भारत के संविधान के किस अनुच्छेद में वर्णित है?
संघ लोक सेवा आयोग (UPSC) भारत सरकार की अद्वितीय संविधानिक निगमन संगठन है, जो भारतीय संविधान के आधार पर सिविल सेवा पदों की भर्ती और अन्य संविधानिक सेवाओं की नियुक्ति का आदान-प्रदान करता है। यह आयोग भारत के विभिन्न राज्यों के लिए सिविल सेवा परीक्षा (IAS, IPS, IFS आदि) आयोजित करता है। संघ लोक सेवा आयोग, भारतीय संविधान के अनुच्छेद 315 से 323 तक की विधाओं में वर्णित है।
भारतीय संविधान के अनुच्छेद 315 से 323 क्रमवार में संघ लोक सेवा आयोग (UPSC) की स्थापना, कार्य, और अन्य प्रमुख विवरणों को समझते हैं:
- **अनुच्छेद 315**: संविधानिक निष्ठा और न्यायिक नेतृत्व में कार्यरत UPSC की स्थापना की जाती है।
- **अनुच्छेद 316**: संघ लोक सेवा आयोग के सदस्यों की नियुक्ति के लिए प्रक्रिया, पात्रता और अन्य शर्तों को निर्धारित करना और स्थानीय नियोजन भी इसमें शामिल है।
- **अनुच्छेद 317**: UPSC के सदस्यों की संख्या, संरचना, नियमन और अन्य संबंधित विवरणों को निर्धारित करना।
- **अनुच्छेद 318**: यह अनुच्छेद संघ लोक सेवा आयोग की कार्यक्षेत्र को परिभाषित करता है जो सरकारी पदों की भर्ती, परीक्षण और नियोजन के क्षेत्र में कार्य करता है।
- **अनुच्छेद 319**: संघ लोक सेवा आयोग के सदस्यों की कार्यकाल, वेतन, अन्य लाभ, और अवकाशों को संदर्भित करता है।
- **अनुच्छेद 320**: संघ लोक सेवा आयोग के क्षेत्र में कार्य करने के लिए आवश्यक प्रावधानों, परीक्षणों, और संबंधित विषयों को निर्धारित करना।
- **अनुच्छेद 321**: संघ लोक सेवा आयोग के निर्णयों के खिलाफ न्यायिक अपील के लिए सुप्रीम कोर्ट की अनुसूची IX को संदर्भित करता है।
- **अनुच्छेद 322**: संघ लोक सेवा आयोग की शक्तियों और कार्यक्षेत्र को विस्तार देने की विशेष प्रावधानिक विधि को दर्शाता है।
- **अनुच्छेद 323**: संघ लोक सेवा आयोग के निर्णयों के खिलाफ न्यायिक अधिकार का प्रावधान करता है जिसमें आयोग के निर्णयों को सुप्रीम कोर्ट और उच्च न्यायालय में चुनौती दी जा सकती है।
2.संघ लोक सेवा आयोग का निर्माण कैसे हुआ इसका इतिहास?
संघ लोक सेवा आयोग (यूपीएससी) का निर्माण भारतीय सरकारी सेवाओं को सुधारने के लिए हुआ था। इसका उद्देश्य भारतीय प्रशासनिक सेवा को प्रोत्साहित करना था, ताकि सरकारी कामकाज में योग्य और पेशेवर लोगों का चयन किया जा सके। यहाँ इसका इतिहास विस्तार से है:
1. **1923 में सर्वेक्षण:** ब्रिटिश सरकार ने भारत में सिविल सेवाओं की स्थिति की जांच करने के लिए रॉयल कमीशन का गठन किया।
2. **1924 में रिपोर्ट:** रॉयल कमीशन ने अपनी रिपोर्ट में सिविल सेवा की सुधार और उसकी स्थायिता की सिफारिश की।
3. **1926 में यूपीएससी की स्थापना:** उसी साल, 1 अक्टूबर 1926 को भारत में यूपीएससी की स्थापना हुई, जिसका प्रमुख उद्देश्य सरकारी नौकरियों के लिए उम्मीदवारों का चयन करना था।
4. **स्वतंत्रता के बाद का विकास:** स्वतंत्रता के बाद, संघ लोक सेवा आयोग का कार्यक्षेत्र बढ़ा, और यह आयोग अब भी भारतीय सरकारी सेवाओं के लिए संविधानिक रूप से महत्वपूर्ण है।
इस प्रकार, संघ लोक सेवा आयोग की स्थापना और विकास का इतिहास भारतीय सरकारी सेवाओं में परिणामी परिवर्तन लाने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाता है।
3. संघ लोक सेवा आयोग के कार्य क्या है?
- 1. **परीक्षाओं का आयोजन**: यूपीएससी भारत सरकार के विभिन्न पदों के लिए आयोजित करता है, जैसे कि सिविल सेवा, भारतीय पुलिस सेवा, भारतीय विदेश सेवा, और अन्य संविधानी नौकरियाँ।
- 2. **पदों की जानकारी और अधिसूचना**: आयोग विभिन्न पदों की जानकारी, योग्यता, और अधिसूचनाएँ जारी करता है, ताकि इच्छुक उम्मीदवार आवेदन कर सकें।
- 3. **प्रारंभिक परीक्षा**: आयोग प्रारंभिक परीक्षा आयोजित करता है जो संविधानिक ज्ञान, सामान्य ज्ञान, और सामाजिक विज्ञान में आधारित होती है।
- 4. **मुख्य परीक्षा**: उम्मीदवारों को मुख्य परीक्षा में विशेष ज्ञान और सामाजिक प्रयोग क्षेत्र में परीक्षण के लिए बुलाया जाता है।
- 5. **साक्षात्कार (इंटरव्यू)**: चयनित उम्मीदवारों को साक्षात्कार के लिए बुलाया जाता है, जहाँ उनकी व्यक्तिगतिका, संविधानिक ज्ञान, और सामाजिक यानी आम ज्ञान का मूल्यांकन किया जाता है।
- 6. **नतीजों की घोषणा**: आयोग उम्मीदवारों के परिणामों की घोषणा करता है, जिसमें सफल उम्मीदवारों को संविधानीक पदों के लिए चयन किया जाता है।
- 7. **प्रशिक्षण और नियुक्ति**: चयनित उम्मीदवारों को उच्च स्तरीय प्रशासनिक प्रशिक्षण प्रदान किया जाता है और फिर उन्हें विभिन्न सरकारी विभागों में नियुक्ति दी जाती है।यह संघ लोक सेवा आयोग की प्रमुख कार्यप्रणाली को संक्षेप में दर्शाता है, जिससे सरकार में निष्कर्षात्मक, न्यायपरक, और उच्च स्तरीय सेवा संचालन में सहायता मिलती है।
4. संघ लोक सेवा आयोग के अध्यक्ष व सदस्य के बारे में
संघ लोक सेवा आयोग के अध्यक्ष भारतीय सरकार के द्वारा नियुक्त किए जाते हैं। आयोग के सदस्यों की नियुक्ति भी सरकार द्वारा की जाती है, और वे विभिन्न क्षेत्रों के विशेषज्ञ होते हैं जो आयोग के कार्यक्षेत्र में योग्यता रखते हैं। इन सदस्यों का कार्यकाल सामान्यत: पांच वर्ष का होता है, जो सरकार द्वारा विस्तार किया जा सकता है।
आयोग की मुख्य जिम्मेदारियों में से एक यह है कि वह संविधानिक सेवा पदों की भर्ती, परीक्षा, और चयन का संचालन करें और उच्च स्तरीय अधिग्रहण के लिए सिफारिशें करें। इसके अलावा, आयोग सरकारी सेवाओं के नियुक्ति प्रक्रिया में नेतृत्व प्रदान करता है और सरकारी नीतियों की पालना करता है।
संघ लोक सेवा आयोग के अध्यक्ष list
- सर रॉस बार्कर ,अक्टूबर 1926 – अगस्त 1932
- सर डेविड पेट्री,अगस्त 1932 – 1936
- सर आयर गोर्डन,1937 – 1942
- सर एफडब्ल्यू रॉबर्टसन,1942 – 1947
- एचके कृपलानी,अप्रैल 1, 1947 – जनवरी 13, 1949
- आरएन बनर्जी,14 जनवरी, 1949 – 9 मई, 1955
- एन गोविंदराजन,10 मई, 1955 – 9 दिसंबर, 1955
- वीएस हेजमादी,10 दिसंबर, 1955 – 9 दिसंबर, 1961
- बीएन झा,11 दिसंबर, 1961 – 22 फरवरी, 1967
- केआर दामले,अप्रैल 18, 1967 – मार्च 2, 1971
- रणधीर चंद्र शर्मा सरकार,मई 11, 1971 – फरवरी 1, 1973
- अखलाकुर्रहमान किदवई,फरवरी 5, 1973 – फरवरी 4, 1979
- एमएल शहरे,फरवरी 16, 1979 – फरवरी 16, 1985
- एचकेएल कपूर,फरवरी 18, 1985 – मार्च 5, 1990
- जेपी गुप्ता,मार्च 5, 1990 – जून 2, 1992
- आरएम बाथ्यू,23 सितंबर, 1992 – 23 अगस्त, 1996
- एसजेएस छतवाल,23 अगस्त, 1996 – 30 सितंबर, 1996
- जेएम कुरैशी,30 सितंबर, 1996 – 11 दिसंबर, 1998
- सुरेंद्र नाथ,11 दिसंबर, 1998 – 25 जून, 2002
- पूर्ण चंद्र होता,जून 25, 2002 – सितंबर 2003
- माता प्रसाद,सितंबर 2003 – जनवरी 2005
- एसआर हाशिम,जनवरी 4, 2005 – अप्रैल 1, 2006
- गुरबचन जगत,अप्रैल 1, 2006 – जून 30, 2007
- सुबीर दत्ता,30 जून, 2007 – 16 अगस्त, 2008
- डीपी अग्रवाल,अगस्त 16, 2008 – अगस्त 2014
- रजनी राजदान,अगस्त 16, 2014 – नवंबर 21, 2014
- दीपक गुप्ता,22 नवंबर 2014 – 20 सितंबर 2016
- अलका सिरोही,सितंबर 21, 2016 – जनवरी 3, 2017
- डेविड आर. सिम्लिह,जनवरी 4, 2017 – जनवरी 21, 2018
- विनय मित्तल,जनवरी 22, 2018 – जून 19, 2018
- अरविंद सक्सेना,20 जून, 2018 – 24 अगस्त, 2020
- प्रदीप कुमार जोशी,25 अगस्त, 2020 – 4 अप्रैल, 2022
- वर्तमान –डॉ. मनोज सोनी,5 अप्रैल, 2022- 7 जून, 2023
5. संघ लोक सेवा आयोग की आवश्यकता व उपयोगिता
भारतीय संघ लोक सेवा आयोग का मुख्य उद्देश्य उच्च स्तरीय सिविल सेवा पदों की नियुक्ति और चयन प्रक्रिया को निष्पादित करना है। यह आयोग देश की नौकरीयों में न्यायपूर्ण, व्यावसायिक और प्रतिष्ठानवर्गीय चयन प्रक्रिया सुनिश्चित करता है, जिससे यह सुनिश्चित होता है कि न्युक्ति सिर्फ़ क्षमता और योग्यता के आधार पर हो।आयोग की उपयोगिता इसमें है कि वह न्यायपूर्ण और प्रांतीय भेदभाव के बिना सभी अभ्यर्थियों को बराबरी से मौका प्रदान करता है और श्रेष्ठ नौकरियों के लिए योग्य उम्मीदवारों को चुनता है।वर्तमान में, भारतीय संघ लोक सेवा आयोग देश में सरकारी सेवाओं की नियुक्तियों के लिए मानकीकृत और संविधानिक प्रक्रिया का पालन करता है। यह आयोग सरकारी नौकरियों की न्युक्तियों में न्यायपूर्णता और पारदर्शिता की भरमारी करने के लिए महत्वपूर्ण भूमिका निभाता है।